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एक बेनामी टिप्पणीकार सुबह-सुबह सैर को निकला था

no-commentsएक बेनामी टिप्पणीकार सुबह-सुबह सैर को निकला था | सुबह का टहलना तो वैसे भी सेहत के लिए फायदेमंद है | यदि ऊपर से बतियाते हुए टहलना तो सोने पे सुहागे का काम करता है | मैं भी तो बेनाम टिप्पणीकार था | टहलते हुए यदि दूसरे बेनामी टिप्पणीकार से सुबह-सुबह मुलाकात हो जाए वो भी उस महान बेनामी टिप्पणीकार से जिसे ब्लॉग जगत में एक उपाधि से नवाज़ा गया हो तो उससे बात करना तो अपने लिए वैसे ही सम्मानजनक था भैया ! तो ऐसा मौका भला हम कहाँ चूकने वाले थे | वैसे भी ऐसे मौके आसानी से कहाँ मिलते हैं ? बहुत से लोग तो वैसे ही मोकों के तलाश में रहते हैं |

तो बस भैया उस महान टिप्पणीकार से मिलते ही कहा राम- राम भैया |

महान टिप्पणीकार : राम-राम भैया | लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं |
मैं बेनाम टिप्पणीकार :मन ही मन ये सोचते हुए (कि हाँ अब भला आप क्यों पहचानोगे, अब एक उपाधि जो मिल गई है) बोला कि क्या आप मुझको नहीं जानते ? मैं भी बेनामी टिप्पणीकार हूँ | आपकी तरह बेनामी टिप्पणी करता हूँ |

महान टिप्पणीकार : अच्छा ! लेकिन मैं तो आपको पहचान नहीं पाया | कहाँ के रहने वाले हो भैया ?
मैं बेनाम टिप्पणीकार : मन में तो आया एक थप्पड़ दूं साले को, लेकिन ! चेहरे पे मुस्कराहट लाते हुए बोला : अरे आप क्या मुझे नही जानते | अरे कितनी बार तो मैंने आपकी टिप्पणी के तुरंत बाद ही टिप्पणी की है ? आपकी ही बिरादरी का हूँ |
महान टिप्पणीकार : हैरान हो कर ! क्या ? लेकिन अपनी पहचान तो बतानी चाहिए भई | मैंने तो बहुत से ब्लॉग पर बेनामी टिप्पणी की हैं | तभी तो इस महान टिप्पणीकार उपाधि से नवाजा गया हूँ | आज तक किसी को भी पता नहीं चल पाया तो ये आगे क्या चल पायेगा |
मैं बेनाम टिप्पणीकार : अब क्या पहचान दूं आपको ? यदि पहचान ही आपको बता दी तो मैं तो गया काम से टिप्पणी कैसे कर पाऊंगा ?

महान टिप्पणीकार : हाँ ये तो है, लेकिन ! कितनी टिप्पणियाँ करते हो दिन भर |
मैं बेनाम टिप्पणीकार : चार पांच |

महान टिप्पणीकार : बस इतनी सी ! मैं तो जबतक ५० टिप्पणी न कर लूं खाना ही हजम नहीं होता |
मैं बेनाम टिप्पणीकार : "मन ही मन सोचते हुए तभी तो आपको ये उपाधि मिली है, हम भी ऐसा करते तो शायद हमें भी आपके जैसे उपाधि मिल जाती |"
अपने मन के भावों को छुपाते हुए पूछा कि इतनी टिप्पणी करनी जरूरी है क्या ?
महान टिप्पणीकार : भाई ज्यादा टिप्पणी करोगे तो तभी तो लोग आपको कोसेंगे | जितना ज्यादा कोसेंगे उतना ही बड़ा आपका नाम होगा | लोग आपको नई नई उपाधियों से नवाजेंगे | भाई बड़ी उपाधि पाने के लिए यत्न तो करने पड़ते हैं | अब ब्लॉगर भाइयों को ही देख लो कितनी मेहनत करके अपनी पोस्ट लिखते हैं | यदि हम जैसे बेनाम टिप्पणीकार अपनी टिप्पणी से इन्हें विचलित ही न कर पाएं तो ये तो लिखना ही छोड़ देंगे | यदि इन्होने ऐसा किया तो हम लोग कहाँ जायेंगे भाई | यदि हम जैसे लोग बेनामी कड़वी टिप्पणी न करेंगे तो हमें चैन कैसे मिलेगा | इसलिए ही कहता हूँ (बड़ा ज्ञानी संत बनते हुए उपदेश दिया) कि टिप्पणी करते रहना चाहिए व ज्यादा से ज्यादा टिप्पणी करनी चाहिए | तभी तो अपना नाम होगा | भाई नाम के लिए सबकुछ जायज है | आपने वो कहावत नहीं सुनी "प्यार और जंग में सबकुछ जायज है |

मैं बेनाम टिप्पणीकार : इनकी उपरोक्त बाते सुनकर ही आज ज्ञान प्राप्त हुआ कि महान टिप्पणीकर बनने के लिए क्या क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं | (मन ही मन) धन्यवाद किया कि आज तो धन्य हो गए | इस गूढ़ज्ञान की मदद से तो हम भी महान टिप्पणीकार बन सकते हैं | आज से हम भी इन के दिए प्रवचनों का पालन करेंगे | यही सोचते हुए ही मैंने महान टिप्पणीकार से कहा : अच्छा गुरु जी आज्ञा दीजिए | आज से मैं भी आपका अनुसरण करूँगा |

महान टिप्पणीकार : अच्छा भाई मैं भी विदा लेता हूँ |

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9 comments:

  1. mahan or Benaam tippanikaar ke baare men antar jana ...diwali parv par hardik badhai ...

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  2. भाई मैं भी लिख रहा हूँ " आओ टिप्पणी टिप्पणी खेलें " ....

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  3. छोड़ो अब इन बेनाम टिपण्णी कारों को भाई। वैसे भी जब इनसे परशानी बढ़ जाये तो इन पर पाबंदी भी तो लगाई जा सकती है। ब्लोगर ने इसकी सुविधा भी दे रखी है।

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    1. आमिर जी, मेरे ब्लॉग पर तो बेनामी टिप्पणियों की बाढ़ सी आ गई है } पहले पहल तो कभी कभार एक-आध बेनामी टिप्पणी ही आती थी अब तो अक्सर रोज ही बेनामी टिप्पणी आर रहीं है वो अडल्ट लिंक के साथ | काफी साडी तो बेनामी टिप्पणी रिमूव कर चुका हूँ | लेकिन अभी भी स्पैम बाक्स में 34 टिप्पणियाँ पड़ी हैं अब तक |

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  4. वाह क्या बात हैँ , बहुत खुब लेकिन कई पार्क मेँ बेनामी को घुसने नहीँ दिया जाता तो झुठे और नयी नयी नामोँ की रचना करतेँ हैँ जिसका ना चेहरा होता हैँ ना ही पता कि वो कहाँ से आया कहाँ का रहने वाला हैँ ऐसे ऐसे सरफिरे नाम वालेँ होकर भी बेनामी की तरह परेशान करने से बाज नही आते ,उसके बारेँ मेँ आपके क्या सोचना हैँ ?

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    1. जिनकी कोई पहचान नहीं वो भी तो बेनाम ही हैं

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  5. बहुत सही बात अपने इस व्यंग रूपी साक्षात्कार के माध्यम से काही है आपने | ये लोग टिप्पणी के साथ एडल्ट लिंक भी छोड़ जाते है ये मानसिक रूप से विकृत लोग |

    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    ब्लॉग जगत में नया "दीप"
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ

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